Tuesday 28 December 2021

Modem क्या है 1 -और कितने प्रकार के होते हैं====!

Modem का Full Form होता है “Modulator / Demodulator.” यह एक ऐसा hardware component होता है जो की allow करता है एक computer या दुसरे device को, जैसे की एक router या switch, को Internet के साथ connect होने के लिए

Monday 25 October 2021

iformation of CPCT

            CPCT

Computer proficiency certification Test

CPCT परीक्षा मुख्यतः 2 भागों में होती हैं जिनमे पहला कंप्यूटर/अंक गणित/सामान्य ज्ञान का पेपर होता है जो 75 मिनट का होता है | इसमें बहुविकल्पी प्रश्न पूछे जाते हैं जो कंप्यूटर, सामान्य ज्ञान, अंक गणित से जुड़े होते हैं |

दुसरे भाग में हिन्दी एवं अंग्रेजी टाइपिंग का टेस्ट होता है | हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों टाइपिंग टेस्ट के लिए आपको 15-15 मिनट का समय मिलता हैं  

अंग्रेजी टाइपिंग Passing marks 30 word Par Minits

हिन्दी टाइपिंग Passing marks 20 word par mini





इस परीक्षा में मुख्यतः कंप्यूटर एवं टाइपिंग के सब्जेक्ट पर ज्यादा फोकस किया गया है उसके आलावा यह परीक्षा 2 भागों में होती है जिसमे पहले भाग में निम्न विषय होते है


  • Computer proficiency, कंप्यूटर प्रोफेसिन्सी, समझबूझ कर पढ़ना, ,  जनरलों के बारे में
  • Reading comprehension, पढ़ने की क्षमता
  • Quantitative aptitude, मात्रात्मक रूझान
  • Genral mental ability and reasoning, सरल मानसिक क्षमता और तर्क
  • Genral awarnes | सामान्य जागरूकता

दुसरे भाग में टाइपिंग के 2 पेपर होते हैं हिन्दी एवं इंग्लिश |

सीपीसीटी (CPCT) परीक्षा से जुड़ी अन्य जानकारी

  • इसके लिए आपको 660 परीक्षा शुल्क देना होगा |
  • CPCT स्कोर कार्ड की वैधता 2 वर्ष के लिए होगी |
  • हर 2 माह में CPCT परीक्षा आयोजित होती है |
  • एक बार CPCT में फ़ैल होने पर 6 माह बाद ही आवेदन कर सकते है |

तो दोस्तों यह थी CPCT से जुड़ी कुछ सामान्य जानकारी जो कि पिछले आधारित हैं इन्टरनेट एवं CPCT की वेबसाइट पर | आपको यह पोस्ट कैसी लगी हमें कमेंट में बता सकते हैं साथ ही कोई सुझाव या कोई प्रश्न हो तो आप कमेंट कर सकते हैं | इस पोस्ट “सीपीसीटी (CPCT) क्या है, कैसे करें पूरी जानकारी हिंदी में” को अपने दोस्तों  में शेयर करना एवं हमारे facebook page को लाइक करना ना भूलें | धन्यवाद 

Tuesday 3 August 2021

BCA Course ki -फुल इन्फॉर्मेशन

pankaj sir

 BCA Course- कोर्स, कॉलेज, योग्यता, फीस, कैरियर स्कोप , फ्रेंड्स आज की इस पोस्ट में हम आपको BCA Course की जानकारी देंगे, कि BCA Course Kya hai। BCA me career कैसे बनायें। BCA Course Fees क्या है। BCA Course कंहा से करें। Best BCA college इंडिया में कौन से हैं। किस कॉलेज से बीसीए कोर्स करें। After BCA Course इसमे कैरियर के ऑप्शन क्या है। यानी कि इस पोस्ट में हम BCA Course की 
फुल इन्फॉर्मेशन देंगे

BCA Course Details In hindi

बीसीए की फुल फॉर्म Bachelors in Computer Application है। यह तीन बर्षीय कंप्यूटर एप्पलीकेशन का अंडरग्रेजुएट कोर्स है। इसमे 6 सेमेस्टर होते हैं।BCA (Bachelors in Computer Application) कोर्स उन स्टूडेंट्स के लिए काफी अच्छा है, जो आईटी सेक्टर या कंप्यूटर साइंस में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं। BCA course के अंतर्गत डाटाबेस, डेटा स्ट्रक्चर, नेटवर्किंग, प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जैसे C, C++, जावा आदि की जानकारी दी जाती है


Career Scope in BCA


वर्तमान समय मे कंप्यूटर और इंटरनेट मानव जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। लगभग हर सेक्टर में इंटरनेट और कंप्यूटर की मदद से काम लिया जा रहा है। कंप्यूटर और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के बढ़ते स्कोप के कारण इस  सेक्टर में एक्सपर्ट लोगों की काफी डिमांड बढ़ रही है। BCA Course के माध्यम से कंप्यूटर इंजीनियर या सॉफ्टवेयर डेवलपर, सॉफ्टवेयर डिज़ाइनर या प्रोग्रामिंग के क्षेत्र में आकर्षक कैरियर बनाया जा सकता है।



आईटी सेक्टर में आप इंडिया के अलावा विदेशों में जॉब के अवसर मिलते हैं। BCA कोर्स को पूरा करने के बाद आप मल्टीनेशनल आईटी सेक्टर की कंपनी, जैसे Oracle, IBM, इंफोसिस, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, टेक महिंद्रा, विप्रो, एचसीएल, डेल आदि  में शानदार कैरियर बना सकते हैं। आईटी सेक्टर में प्राइवेट सेक्टर में नौकरी की कमी नही है। अगर आपके अंदर थोड़ा भी टैलेंट है, तो आप बेरोजगार नही रहेंगे।

इसका कारण ये है कि आज का युग कंप्यूटर का युग है। हर काम को अंजाम देने के लिए इंटरनेट और कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार अगर आपकी रुचि कंप्यूटर साइंस में है, तो BCA Course के माध्यम से आप अपने कैरियर को नई दिशा दे सकते हैं।
इसके अलावा आप गवर्नमेंट सेक्टर में इंडियन आर्मी, पुलिस, नेवी, एयरफोर्स, बैंकिंग सेक्टर, रेलवे, एसएससी,एजुकेशन सेक्टर आदि में समय – समय पर आईटी एक्सपर्ट की वेकैंसी निकलती रहती हैं।


फिलहाल BCA एक ऐसा कोर्स है जिसकी डिमांड आज के समय मे हर फील्ड में हैं। आप किसी भी सेक्टर को ले लें, हर जगह आईटी का बोलबाला है। इस तरह हम कह सकते है कि आज के दौर में BCA Course में अच्छे कैरियर की काफी संभावनाएं मौजूद हैं।


Career Option in BCA


बीसीए कोर्स के बाद अनेक कैरियर के ऑप्शन मिल जाते हैं। आप इनमें से किसी में भी कैरियर बना सकते हैं।कंप्यूटर प्रोग्रामरवेब डिज़ाइनरएप्लिकेशन डिज़ाइनरगेम डिज़ाइनरडेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटरबिजनेस एनालिस्टइनफार्मेशन सिस्टम मैनेजरसॉफ्टवेर प्रोग्रामरसॉफ्टवेयर इंजीनियरकंप्यूटर सपोर्ट सर्विस स्पेशलिस्टसॉफ्टवेयर डेवलपरसॉफ्टवेयर टेस्टरप्रोग्रामरसॉफ्टवेयर कंसल्टेंट


Qualification For BCA Course


बीसीए कोर्स के लिए आप पीसीएम सब्जेक्ट से 12वीं कम से कम 50% अंको से पास होना चाहिए। कुछ यूनिवर्सिटी में BCA Course के लिए आवश्यक योग्यता किसी भी स्ट्रीम से 12 वीं पास हो। सरकरीं कॉलेज में एडमिशन एंट्रेंस एग्जाम क्वालीफाई करने पर ही मिलता है। वंही कुछ गवर्नमेंट कॉलेज में एडमिशन 10+2 में प्राप्त अंको के आधार पर भी मिल जाता है। प्राइवेट कॉलेज या यूनिवर्सिटी में डायरेक्ट एडमिशन मिल जाता है।

BCA -बीसीए कोर्स के लिए संस्थान

 


  • गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली
  • अम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली
  • रुहेलखंड यूनिवर्सिटी, बरेली
  • लखनऊ यूनिवर्सिटी
  • इलाहाबाद यूनिवर्सिटी
  • माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी, भोपाल
  • MS यूनिवर्सिटी, बड़ोदरा
  • देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी, इंदौर
  • जेवियर्स इंस्टीट्यूट ऑफ कंप्यूटर एप्लिकेशन, अहमदाबाद
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, मुम्बई
  • छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी, कानपुर
  • मद्रास क्रिस्चियन कॉलेज, चेन्नई
  • द आक्सफोर्ड कॉलेज ऑफ साइंस, बैंगलोर
  • प्रेसिडेंसी कॉलेज, बैंगलोर
  • टेक्नो इंडिया यूनिवर्सिटी, कोलकाता
  • यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एनर्जी एंड स्टडीज, देहरादून
  • DAV कॉलेज, चंडीगड़
  • जामिया हमदर्द, नई दिल्ली
  • गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी, छत्तीसगढ़
  • गुरुकुल कांगिणी यूनिवर्सिटी, हरिद्वार
  • गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर
  • बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी
  • जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, दिल्ली

पहला पर्सनल कंप्यूटर IBM ने 1975 में बनाया था

 

pankaj sir 


अंतरराष्ट्रीय व्यापार मशीन निगम (International Business Machines Corporation) यानी IBM ने 1975 में पहला पर्सनल कंप्यूटर बनाया, जिसे व्यक्तिगत कंप्यूटर या पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer) कहा गया। यह एक माइक्रोप्रोसेसर तकनीक थी, जो किसी भी व्यक्ति के लिए घर या कार्यालय में उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया छोटा और अपेक्षाकृत सस्ता कंप्यूटर था। माइक्रो कंप्यूटर, डेस्क टॉप कंप्यूटर, लैप टॉप और  टैबलेट पीसी कंप्यूटर के ही उदाहरण हैं। इसमें भी डेस्क टॉप लघु उद्योग के लिए अधिक उपयोगी माना जाता है। पीसी दुनिया भर में प्रौद्योगिकी का एक सबसे महत्वपूर्ण अंग है। पीसी की डाटा प्रोसेसिंग क्षमताओं के कारण यह डाटा को सुरक्षित रखने में अधिक उपयोगी है। साथ ही पर्सनल कम्प्यूटर्स के लिए अधिकतर सॉफ्टवेयर इसके प्रयोग की सहजता तथा यूज़र फ्रेंडली होने को ध्यान में रख कर ही बनाए गए हैं। यही कारण है कि सॉफ्टवेयर उद्योग निंरतर पर्सनल कम्प्यूटर्स के नए उत्पादों को व्यापक श्रृंखला प्रदान करता रहा है।

आज दुनिया में कई कंपनियाँ कंप्यूटर निर्माण में संलग्न हैं। इसी दौड़ में शामिल लिनोवो (Lenovo) कंपनी ने लघु व्यापारियों के लिए थिंक सेंटर का M Tiny सीरीज लॉन्च किया है। यह सीरीज़ छोटे व्यापारियों के लिए एक बेहतर उपकरण है, इसे ख़ास तौर पर बढ़ रहे बिजनेस के लिए तैयार किया गया है। ये अपग्रेड होते हुए न सिर्फ स्पेस बचाता है, अपितु आपके डेस्कटॉप को कस्टमाइज भी करता है। यह ऊर्जा का संरक्षण भी करता है। साथ ही इसे डाटा संरक्षित करने के लिए बहुत स्पेस की भी जरूरत नहीं होती है। ये डेस्कटॉप कहीं भी फिट हो सकता है। M सीरीज के Tiny डेस्कटॉप आपको कुछ भी हैंडल करने की सुविधा प्रदान करते हैं। मल्टीटास्किंग और मल्टीमीडिया से लेकर ग्राफिक डिजाइन और हाइफाइनेंस तक के काम इस कंप्यूटर से संभव है।

जानिए भारत में कब आया था पहला कंप्यूटर और कैसे बन गया हर आदमी की जरूरत


  19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध और 20वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में कुछ पश्चिमी देशों की तकनीकी, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति में काफी बड़ा बदलाव आया, जिसे औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) कहा गया। धीरे-धीरे ये क्रांति पूरे विश्व में फैल गई। 1844 में “औद्योगिक क्रांति” शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम आरनोल्ड टायनबी ने अपनी पुस्तक “लेक्चर्स ऑन दी इंड्स्ट्रियल रिवोल्यूशन इन इंग्लैंड” में किया था। औद्योगिक क्रांति के परिणामस्वरूप यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका में नये-नये उद्योग-धन्धे आरम्भ हुए। इसके बाद नयी-नयी आधुनिक तकनीकों के आगमन ने उद्योगों को जबर्दस्त बढ़ावा दिया। इसी कड़ी में शामिल हुआ 4×3 इंच की स्क्रीन वाला एक  मशीन, जिसने उद्योग के क्षेत्र में एक नयी क्रांति ला दी। आज से 79 वर्ष पहले यानी 1940 में किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि, यह छोटा-सा कंप्यूटर व्यापारियों को उनके मोटे-मोटे बही खातों से छुटकारा दिला देगा। बस, एक क्लिक में बड़ा से बड़ा हिसाब आसानी से किया जा सकेगा। भारी-भरकम ऑफिस का सारा काम 4×3 इंच के स्क्रीन में सिमट जाएगा। कंप्यूटर आज हर क्षेत्र में हर किसी की जरूरत बन गया है। अस्पताल हो या स्कूल, ऑफिस हो या मॉल या फिर आपका घर ही क्यों न हो, कंप्यूटर के बिना कोई भी काम करना अब असंभव-सा लगता है। आइए जानते हैं कंप्यूटर की शुरुआत कैसे हुई ? और व्यापार की दुनिया में कंप्यूटर इतना महत्वपूर्ण क्यों हो गया है ?

PANKAJ SIR 


ईसा की पहली शताब्दी में भी था कंप्यूटर











प्रथम शताब्दी में यांत्रिक रेखीय संगणक यानी यांत्रिक रेखीय (एनालॉग) संगणकों का प्रादुर्भाव शुरू हो गया था, जिन्हें बाद में मध्यकालीन युग में खगोल शास्त्रीय गणनाओं के लिए प्रयोग किया गया। द्धितीय विश्व युद्ध (1935-1945) के दौरान यांत्रिक रेखीय संगणक को विशेषीकृत सैन्य कार्यो में उपयोग किया गया। इसी दौरान पहले विद्युतीय अंकीय परिपथ वाले संगणकों का विकास हुआ। प्रारम्भ में वो एक बड़े कमरे के आकार के होते थे और आज के आधुनिक सैकड़ों निजी संगणकों के बराबर बिजली का उपभोग करते थे। 1940-1945 में पहला इलेक्ट्रॉनिक अंकीय संगणक का विकास यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका में किया गया था।

कंप्यूटर ने आसान बनाया काम और बचाया समय

आज व्यापार क्षेत्र में कंप्यूटर एक अहम् भूमिका निभा रहा है। कंप्यूटर ने न सिर्फ काम को आसान बनाया है, अपितु समय के सदुपयोग में भी मददगार सिद्ध हो रहा है। पहले ऑफिस में कागज़ों पर हाथ से लिख कर महत्वपूर्ण जानकारी सुरक्षित रखी जाती थी और ढेरों बही खाते भर जाते थे, वहीं आज कंप्यूटर ने इस समस्या को दूर कर दिया है। वेतन की गणना करनी हो या बाज़ार की जानकारी लेनी हो, किसी को पत्र लिखना हो या अपने व्यवसाय से संबंधित कोई विशेष जानकारी लेनी हो, कंप्यूटर की मदद से आसानी से ली जा सकती है।

भारत में 1952 में आ गया था पहला कंप्यूटर

1952 में भारत में कंप्यूटर युग की शुरुआत भारतीय सांख्यिकी संस्थान (Indian Statistical Institute) कोलकाता से हुई। इस आईएसआई में स्थापित होने वाला पहला एनालॉग कंप्यूटर भारत का प्रथम कंप्यूटर था। यह कंप्यूटर 10 X 10 की मैट्रिक्स को हल कर सकता था। इसी समय भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु में भी एक एनालॉग कंप्यूटर स्थापित किया गया था, जिसका प्रयोग अवकलन विश्लेषक के रूप में किया गया। इसके बाद 1956 में भारत के आईएसआई कोलकाता में भारत का प्रथम इलेक्ट्रोनिक डिजिटल कंप्यूटर HEC – 2M स्थापित किया गया और इसके साथ ही भारत जापान के बाद एशिया का दूसरा ऐसा देश बन गया, जिसने कंप्यूटर तकनीक को अपनाया था।

1966 में भारत ने विकसित कर लिया था पहला कंप्यूटर

1966 में भारत का पहला कंप्यूटर ISIJU विकसित किया गया।  इस कंप्यूटर को दो संस्थाओं भारतीय सांख्यिकी संस्थान (Indian Statistical Institute) और कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी (Jadavpur University) ने मिल कर तैयार किया था। इसी कारण इसे ISIJU नाम दिया गया। ISIJU एक ट्रांजिस्टर युक्त कंप्यूटर था। इस कंप्यूटर का विकास भारतीय कंप्यूटर तकनीक के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था। यद्यपि यह कंप्यूटर व्यवसायिक कम्प्यूटिंग आवश्यकताओं को पूर्ण नहीं करता था, जिस कारण से इसका प्रयोग किसी विशिष्ट कार्य के लिए नहीं किया गया। इसके बाद 90 के दशक में भारत का प्रथम सुपर कंप्यूटर ‘ परम 8000 ‘ का विकास किया गया, जिसका अर्थ था, parallel machine, जो कि आज सुपर कंप्यूटर की एक श्रृंखला है। परम का प्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया गया। बायोइन्फ़ोर्मेटिक्स, मौसम विज्ञान और रसायन शास्त्र के क्षेत्र में सुपर कंप्यूटर लोगों की पहली पसंद बन गया। यद्यपि पर्सनल कंप्यूटर के आ जाने के कारण आज भारत के घरों में, कार्यालयों में पर्सनल कंप्यूटर ही प्रयोग किया जाता है, हालाँकि एनालॉग, मेनफ्रेम तथा सुपर कंप्यूटर ने भारत को एक विकासशील देश बनाने में अमूल्य योगदान दिया है।

भारत की सबसे पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र थी

 भारत की सबसे पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र थी जो साल 1913 में बनाई गयी थी. इस फिल्म को बनाने का श्रेय दादा साहब फाल्के को दिया जाता है. दादा साहब फाल्के का जन्म 30 अप्रैल 1870 को तथा मृत्यु 16 फरवरी 1944 को हुई थी



Modem क्या है 1 -और कितने प्रकार के होते हैं====!

Modem का Full Form होता है “Modulator / Demodulator.” यह एक ऐसा hardware component होता है जो की allow करता है एक computer या दुसरे device क...